परिभाषा ( INTRODUCTION ) - निमोनिया एक फेफड़ो का संक्रमण हैं
निमोनिया में फेफड़ों के पैरेन्काइमा में सिकुड़न से सूजन आती हैनिमोनिया वायुकोशीय रिक्त स्थान ( ALVEOLAR SPACES ) और फेफड़ों के समेकन से सूजन है जो अंतरालीय ऊतक के रिसाव से होता हैं
निमोनिया अधिकतर बच्चों में और बूढ़े व्यक्तियों को होता हैं
बच्चों में निमोनिया का 90 % कारण PNEUMO COCCUS बैक्टीरिया से होता हैं
निमोनिया में INTERSTITAL AND ALVEOLAR FLUID से जुड़े पेरिनकायमा में संक्रमण होता हैं
निमोनिया के प्रकार TYPES OF PNEUMONIA -
- संरचना के आधार पर - ☆ LOBAR निमोनिया - इसमें फेफड़ों के LOBES प्रभावित होते हैं ☆ LOBULAR निमोनिया ( BRONCHOPNEUMONIA ) - इसमें फेफड़ों के BRONCHI प्रभावित होती हैं
- INFECTIVE AGENT के आधार पर - ☆ वायरल निमोनिया ☆ बैक्टीरियल निमोनिया ☆ PRIMARY ATYPICAL ☆ ASPIRATION निमोनिया
CAUSE कारण -
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन : जैसे - ➧ ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया - Streptococcus pneumonie , Streptococcus-aurious ➧ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया - Pseudomonas , Anaerobic bacteria
- वायरस संक्रामक : Influenza virus , Parainfluenza virus
- फंगस संक्रामक : Candiasis
- Mocoplasm & Protozoa संक्रामक - Pneumocytis Carini Pneumonia
Risk factor of Pneumonia -
- प्रदूषण
- धुम्रपान
- शराब का सेवन
- शरीर में पानी की कमी
Sign & Symptom -
- बुखार आना
- उल्टी होना
- चक्कर आना
- पसीना आना
- छाती में दर्द
- कफ का बनना
- कफ के साथ रक्त आना
- सर दर्द करना
- साँस लेनें में तकलीफ होना
- फेफड़ों में खर खर की ध्वनी सुनाई देना
निमोनिया के चरण ( STAGES OF PNEUMONIA )
🏥 HYPEREMIA ( अति - रक्तता )
🏥 RED-HEPATISATION
🏥 GREY-HEPATISATION
🏥 RESOLUTION
DAGNOSIS -
- कफ की जाँच ( SPUTAM TEST )
- चेस्ट एक्स-रे
- ब्रोंकियोस्कोपी
- ARTERIAL रक्त गैस ANALYSIS
- रक्त की जाँच
TREATMENT - मेडिकल मेनेजमेंट 💉 -
- ऑक्सीजन प्रदान करें
- वायु मार्ग को SUCTION क्र म्यूकस निकलना
- एंटीबायोटिक्स थैरपी प्रदान करें - पेनिसिलिन , जेंटामाइसिन इत्यादी
- कफ निस्सारक का प्रयोग करें जैसे - AMBROXOL और अमोनियम क्लोराइड आदि
- ANALGESIC दवाइयों का प्रयोग करना चाहिये
- STEROID - HYDROCORTISONE
- अधिक प्रोटीन , अधिक कैलोरी व अधिक लिक्विड युक्त भोजन करना चाहिये
आपके ब्लााग का विषय बहुत ही अच्छा़ है। बस आप लिखने की कला का विकास कीजिए। अपनी बात को कुछ इस तरह लिखिए कि वह पढ़ने वाले के दिल में सीधे उतर जाए। आप जरूरत से ज्यादा पैराग्राफ को इंटर मार कर नीचे मत कीजिए और लिखे हुए आर्टिकल को बोल्ट करके मत उभारिए। यदि आप पूरा आर्टिकल बोल्ट करके उभार देते हैं, तो गूगल भ्रम में पड़ जाता है कि वह सर्च परिणामों में लोगों को क्या दिखाए? साथ ही जब भी लिखें अपने शब्द शुद्ध रूप से लिखें। जैसा कि मैं अपने इस कमेंट में लिख रहा हूं। और भी तमाम टैक्नीकल इश्यू हैं, उनका निदान धीरे धीरे हो जाएगा। बस आप इसी तरह लोगों से सवाल करने की आदत बनाए रखिए। मेरी नई पोस्ट आपका इंतजार कर रही है।
ReplyDeleteइस विषय में मेरी रूचि है और मेरा प्रोफेशन भी और लिखनें की कला की बात करें तो भाई में अभी ब्लॉग पर नया हूँ और समझनें में थोड़ा वक्त लगेगा में पूरी कोशिश करूंगा की आर्टिकल में शुद्द वर्तनी और SEO फ्रेंडली लिखूं GUIDE के लिए जमशेद आजमी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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